राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में ही बनी हुई है। शुक्रवार को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में फिर पराली जलाई गई। केंद्रीय मौसम और वायु गुणवत्ता की निगरानी एजेंसी सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक, दिल्ली की हवा में मौजूद खतरनाक पर्टिकुलेट मैटर 2.5 प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी एक से आठ फीसदी तक पहुंच गई है। सफर के मुताबिक हवा अगले दो दिन खराब से बहुत खराब श्रेणी में आ जाएगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, शुक्रवार की शाम चार बजे तक रिकॉर्ड की गई दिल्ली की 24 घंटे की औसत वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में ही बनी हुई है। शुक्रवार को एक्यूआई 285 रिकॉर्ड किया गया। सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता के लिहाज से 22 स्थान खराब, 16 बहुत खराब और 7 सामान्य श्रेणी में रिकॉर्ड किए गए। वहीं, दिल्ली-एनसीआर की हवा में मौजूद पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 और 10 का स्तर फिर से बढ़त की ओर है।
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