वाराणसी : भारतीय साहित्य के चर्चित कथाकार काशीनाथ सिंह के उपन्यास ‘काशी का अस्सी’ पर बनी बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘मोहल्ला अस्सी’ सालों तक चले विवादों के बाद शुक्रवार को रिलीज हो गई । फिल्म देखने के बाद अगर कोई सबसे ज्यादा मगन रहा तो वह थे ‘अस्सी अड़ी’ के सूत्रधार भइया पप्पू (विश्वनाथ सिंह) । हों भी क्यों न, ‘मोहल्ला अस्सी’ क्या रिलीज हुई पप्पू की अड़ी पहले शो से ही सुर्खियों में आ गई है । अस्सी घाट पर मौजूद पप्पू की चाय की ये दुकान कहानी का केंद्र बिंदु है । ये दुकान यहां की भाषा शैली, संस्कृति, सभ्यता और सोच को दर्शाने वाला एक झरोखा है । शुक्रवार को फिल्म देखने के बाद चाय की दुकान चलाने वाले भइया पप्पू की इतराहट तो आज देखने लायक थी । फिल्म जिस उपन्यास ‘काशी का अस्सी’ पर आधारित है, उसके सभी पात्र वास्तविक हैं । इनमें से कुछ आज भी वाराणसी में रह रहे हैं, जबकि कुछ का निधन हो चुका है । फिल्म रिलीज होने के बाद इन सबने बस एक ही बात कही, ‘गुरु जी, आज अस्सी अड़ी बुलंद हो गयल और तोहार पपुआ देवानंद हो गयल । अइसन कलम चलउलन कि कमाल हो गयल । इहां से लेके लंदन तक धमाल हो गयल । ला नींबू क चाय लड़ावा । काम-धंधा होत रही, पहिलै फिलिम देख के आवा ।
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