रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग अब 54वें दिन में पहुंच गई है। दोनों सेनाओं की ओर से गोलीबारी अभी भी जारी है। कीव से सैनिकों को वापस लेने के बाद रूस अब ज्यादा आक्रामक नजर आ रहा है। मैरियूपोल, दोनेत्स्क, लुहांस्क जैसे शहरों पर भारी बमबारी की जा रही है। मैरियूपोल का तो सबसे ज्यादा बुरा हाल है। इस शहर पर कब्जा करने के लिए रूस ने यहां पर सारी ताकत झोंक दी है, वहीं इरपिन शहर में भी काफी नुकसान हुआ है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि फरवरी में रूस के आक्रमण के बाद से 4,869,019 मिलियन यूक्रेन निवासी देश छोड़ चुके हैं। 2.76 मिलियन यूक्रेन के नागरिक पोलैंड में प्रवेश कर चुके हैं वहीं 458,654 यूक्रेनियन हंगरी में प्रवेश कर चुके हैं। 738,862 यूक्रेनियन ने रोमानिया में प्रवेश किया है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने मारियुपोल में हालात गंभीर और हृदय विदारक बताए और कहा कि वहां रूस के जारी हमले एक ‘‘लाल रेखा’’साबित हो सकते हैं, जिससे बातचीत के जरिए शांति पर पहुंचने के सभी प्रयास खत्म हो जाते हैं। कुलेबा ने सीबीएस के ‘फेस द नेशन’ को बताया कि बंदरगाह शहर में मौजूद यूक्रेन की सेना के बाकी के कर्मियों और नागरिकों को असल में रूसी सेना ने घेर लिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेनियों का संघर्ष जारी है लेकिन भारी विध्वंस के कारण अब शहर का कोई अस्तित्व नहीं बचा है।