उच्चतम न्यायालय ने मुख्य सचिवों और 11 राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को शुक्रवार को निर्देश दिए कि वे पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कश्मीरियरों पर हमले, उनके प्रति उत्पन्न खतरे और उनके सामाजिक बहिष्कार के मामलों को रोकने के लिए शीघ्र एवं आवश्यक कदम उठाएं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने यह भी आदेश दिया कि जिन पुलिस अधिकारियों को भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीट कर की गई हत्या के मामलों से निपटने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था, वे अब कश्मीरी छात्रों पर कथित हमलों के मामलों को देखेंगे। पीठ ने गृह मंत्रालय से कहा कि वह नोडल अधिकारियों का व्यापक प्रचार करें ताकि इस प्रकार के मामलों का शिकार बनने वाले लोग उन तक आसानी से पहुंच सकें। पीठ ने कहा, ‘‘मुख्य सचिवों, डीजीपी और दिल्ली पुलिस आयुक्त कश्मीरियों और अन्य अल्पसंख्यकों के प्रति उत्पन्न खतरे, उनके खिलाफ हमले, उनके सामाजिक बहिष्कार इत्यादि की घटनाएं रोकने के लिए शीघ्र एवं आवश्यक कार्रवाई करें।’’
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