न्यूयॉर्क । अमेरिका में वीजा धोखाधड़ी मामले में एक एनआरआइ को जेल की सजा सुनाई गई। भारतीय मूल के रमेश वेंकट पोथुरू तकनीक के इस्तेमाल से धोखाधड़ी और वीजा धोखाधड़ी के मामले में दोषी पाया गया। रमेश पर आरोप था कि उसने भारत के कामगारों के लिए एच-1 बी वीजा और ग्रीन कार्ड के लिए अवैध फाइलिंग फीस के तौर पर 450,000 अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की वसूली की है।
अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा-शुल्क प्रवर्तन के एक बयान के मुताबिक, वर्गो इंक एंड आयसिंग सॉल्यूशंस के पूर्व मालिक और संचालक रमेश वेंकट पोथुरू (44) को एक साल और एक दिन की जेल की सजा सुनाई गई। पोथुरू ने गैरकानूनी कामगारों के लिए 100 से अधिक धोखाधड़ी के जरिए वीजा और ग्रीन कार्ड बनाया। उसने अवैध फाइलिंग फीस के तौर पर 450,000 अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की वसूली की है।
जांच में खुलासा हुआ कि 2010 और 2013 के बीच पोथुरू ने एच-1 बी गैर-अप्रवासी श्रमिक वीजा कार्यक्रम के तहत प्रायोजित श्रमिकों से फीस दाखिल करने में लिए सैकड़ों हजार डॉलर की वसूली की। पोथुरू ने एच-1 बी वीजा और ग्रीन कार्ड्स के लिए प्रायोजित कर्मचारियों से ली फीस और खर्चे को अपने व्यक्तिगत बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर करवाया।