सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों में जिसमें छूट, कैशबैक और मुफ्त उपहार योजना पर लगाम कसाने जा रही है । इस पर निगाह रखी जाएगी। इसके जरिए उनके नुकसान पहुंचाने वाले व्यवहार पर शिकंजा कसा जाएगा। बताया जा रहा है कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय उन कदमों पर विचार कर रहे है जिससे कि ई-कॉमर्स क्षेत्र को मजबूत किया जा सके और इसके साथ ही घरेलू रिटेलर्स के लाभ को भी ध्यान में रखा जाए। बहुत से घरेलू रिटेलर्स ने ई-टेलर्स के साथ प्रतिकूल प्रतियोगिता के कारण व्यवसाय में हो रहे घाटे की शिकायत की है। इसके अलावा नोटबंदी और जीएसची के प्रभाव को लेकर भी अपनी परेशानी जाहिर की है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस कदम का मतलब स्थानीय ट्रेडर्स को लुभाना नहीं है। बल्कि इसका उद्देश्य विश्व व्यापार संगठन द्वारा वैश्विक तौर पर एक ऐसी नीति बनाना है जिससे कि ई-कॉमर्स को विनियमित किया जा सके। कुछ ऐसा जिससे कि अमेरिका और चीन को एकजुट किया जा सके जो इस समय ट्रेड वॉर में लिप्त हैं।
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