प्रदेश सरकार पूर्व नगर विकास मंत्री मो. आजम खां के एक और फैसले को पलटते हुए जल निगम के चेयरमैन के पद को लाभ का पद घोषित करने जा रही है। इस व्यवस्था को बहाल करने के लिए प्रदेश सरकार ‘उप्र. जल संभरण तथा सीवर व्यवस्था (संशोधन) अध्यादेश-2018’ लाएगी। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही जल निगम के चेयरमैन का पद लाभ का पद हो जाएगा और उसे निगम के प्रबंधकीय व्यवस्था को नियंत्रित करने का भी अधिकार होगा। इस पद को आजम खां ने 2007 में गैर लाभ का पद मानते हुए निगम के प्रबंधकीय व्यवस्था पर उसके नियंत्रण को समाप्त कर दिया था।
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