उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के ड्राइवर अब बस चलाते समय बात करना तो दूर, मोबाइल फोन भी अपने पास नहीं रख सकेंगे। सफर शुरू होने से पहले उन्हें मोबाइल कंडक्टर को सौंपना होगा। इसका उल्लंघन करने पर दोनों पर कार्रवाई होगी।
‘अमर उजाला’ ने 24 अप्रैल को ‘ 90 की रफ्तार, 50 मुसाफिर और लूडो खेलने में मस्त बस चालक ’ शीर्षक से खबर को छापकर अनुबंधित एसी बस के ड्राइवर की करतूत का खुलासा किया था।
परिवहन निगम ने इस खबर का संज्ञान लेकर प्रदेश भर में बस संचालन के दौरान तत्काल प्रभाव (27 अप्रैल) से मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। परिवहन निगम ने सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को इसकी निगरानी का आदेश जारी कर दिया है।
अब ड्राइवरों के मोबाइल की निगरानी डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों, यातायात अधीक्षकों, केंद्र प्रभारियों को करनी होगी। इस आदेश का उल्लंघन करने पर नियमित ड्राइवर निलंबित किए जाएंगे।
संविदा ड्राइवर का अनुबंध खत्म होगा और अनुबंधित बस के ड्राइवर को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। उधर, लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक अखिलेश कुमार सिंह ने चारबाग, आलमबाग, कैसरबाग, अवध, उपनगरीय, बाराबंकी, रायबरेली के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों, यातायात अधीक्षकों एवं केंद्र प्रभारियों को जांच के आदेश दिए हैं। आदेश में कहा गया कि बस के गंतव्य पर पहुंचने के बाद कंडक्टर द्वारा ड्राइवर को मोबाइल वापस करने के बाद उसकी सूचना केंद्र प्रभारी को देगा।
9415049606 पर भेजे मोबाइल पर बात करने की फोटो
यात्री को बस संचालन के दौरान कोई ड्राइवर मोबाइल पर बात करते, वीडियो देखते या किसी अन्य काम में व्यस्त दिखें तो तो उसका वीडियो या फिर फोटो बनाकर परिवहन निगम के मोबाइल नंबर 9415049606 पर भेज सकते हैं।