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प्रदूषण के मामले में फरीदाबाद सबसे ऊपर, दिल्ली में वायु गुणवत्ता बेहद खराब गुणवत्ता श्रेणी में

दिवाली से पहले ही पूरे उत्तर भारत समेत दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा खराब होने लगी है। देशभर में 70 शहरों में प्रदूषण के मामले में शुक्रवार को फरीदाबाद सबसे ऊपर यानी पहले पायदान और गुरुग्राम दूसरे पायदान पर रहा। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक का औसत 381 दर्ज किया गया, इसके पीछे 378 अंक के साथ गुरुग्राम दूसरे नंबर पर रहा। हालांकि राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता 361 दर्ज की गई लेकिन आनंद विहार इलाके में यह सूचकांक 409 तक पहुंच गया यानि यहां फरीदाबाद से भी ज्यादा वायु प्रदूषण रहा। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण स्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी जानलेवा होने की तरफ अग्रसर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक शुक्रवार सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 358 था, जोकि बेहद खराब गुणवत्ता श्रेणी में है। हालांकि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने हालात को देखते हुए इस पर शिकंजा कसने के लिए निगम क्षेत्र के सभी चार जोन में नाइट पेट्रोलिंग का निर्णय लिया है। टीमें पत्ते और लकड़ियां जलाने वालों की निगरानी करते हुए उन पर कार्रवाई करेंगी। संस्था सफर ने भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बेहद खराब बताया है। लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। शुक्रवार को इस संबंध में एक बैठक करके अधिकारियों को आगाह कर दिया है। हालात यही बने रहे तो जिले में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी और स्कूलों को बंद कराया जा सकता है। शुक्रवार को पीएम-2.5 अति खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ऐसी परिस्थिति से उबरने के लिए डीएम ने अधिकारियों से सुझाव भी मांगे। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने पर्यावरण की स्थिति बिगड़ने पर चिंता जताते हुए संबंधित अधिकारियों को इससे निपटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम-2.5 लगातार खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रहा है और इससे उबरने के लिए यदि स्कूलों की छुट्टी करनी पड़े तो उसके लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने दूसरे जिले और शहरों के अलावा प्रदेशों से आने वाले बडे़ व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने की भी तैयारी करने और शहर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को भी दुरुस्त करने की बात कही। जिससे लोग अपने वाहनों को छोड़कर बस और मेट्रो आदि से यात्रा कर सकें। दिल्ली में इन दिनों प्रदूषण का स्तर कई गुना ज्यादा है। विशेषज्ञ दिवाली पर हवा में घुले जहर में और इजाफा होने की आशंका जता रहे हैं। इसीलिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली सहित पड़ोसी राज्य सरकारों को सलाह दी है कि 10 दिन तक दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। सीपीसीबी का मानना है कि निर्माण कार्यों के चलते भी वायु प्रदूषण हो रहा है। इसलिए 1 से 10 नवंबर तक निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध होना चाहिए। इसके अलावा 4 से 10 नवंबर तक बायोगैस एवं कोयले से चलने वाले सभी उद्योग भी बंद होने चाहिए। बोर्ड ने लिखा है कि पिछले वर्ष दिल्ली वायु प्रदूषण के चलते गैस चैंबर बन गई थी।

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