नई दिल्ली । सीरिया पर अमेरिकी नेतृत्व में फ्रांस और ब्रिटेन के हमले के बाद वैश्विक पटल पर तीसरे विश्व युद्ध की धमक तेज हो गई है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने इसे एक और शीत युद्ध का दौर करार दिया है। सीरिया पर हमले के बाद दुनिया दो खेमों में बंटती दिख रही है। रूस और अमेरिका के बीच तलवारें खिंच चुकी हैं।
बड़ी चिंता
छह मार्च, 2018 को अमेरिकी डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी के निदेशक लेफ्टीनेंट जनरल रॉबर्ट पी एश्ले जूनियर ने अमेरिकी सीनेट आम्र्ड सर्विसेज कमेटी के सामने बयान दिया कि रूस और चीन ऐसे हथियार विकसित कर रहे हैं जिसका इस्तेमाल वे स्पेस वार में कर सकते हैं। यह बात और है कि अमेरिका खुद इस कदम को बहुत पहले उठा चुका है।
डायरेक्टेड एनर्जी वीपंस
1970 में कैलिफोर्निया की लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लैबोरेटरी ने एक्सकैलीबर परियोजना पर काम किया। इसका मकसद सीधे अंतरिक्ष में परमाणु विस्फोट करना था। लेजर और एक्स रेज से कई मिसाइलों को एक साथ खत्म करने की तकनीक को और व्यापक बनाते हुए सेटेलाइट तक को निशाना बनाया जा सकता है।