रेलवे को आरक्षण काउंटर के जरिए चल रहे दलाली के रैकेट का भंडाफोड़ करने में बड़ी सफलता हाथ लगी है। राजधानी के मोहिबुल्लापुर आरक्षण काउंटर पर 24 अप्रैल को एम के खान प्रभारी निरीक्षक लखनऊ सिटी और सह उप निरीक्षक उदय प्रताप सिंह द्वारा चलाए गए अभियान में आरक्षण काउंटर पर कार्यरत पंकज कुमार के पास से लोकमान्य तिलक टर्मिनल से मुगलसराय का एक टिकट प्राप्त हुआ था।
इस संबंध में जब क्लर्क पकंज से पूछताछ की गई तो उसने पाटलिपुत्र एक्सप्रेस के उस टिकट को अपने भाई का बताया। टिकट चार लोगों के लिए स्लीपर क्लास का था। इस संबंध में पूछताछ पर उसने भाई का आधार कार्ड भी जांच टीम के सामने प्रस्तुत किया।
इसके बाद टीम ने क्लर्क को टिकट वापस कर दिया। 26 अप्रैल को यात्रा करके चारो यात्री जब मुगलसराय पहुंचे तो जांच टीम ने उन्हें धर दबोचा। यात्रियों ने दलाली के रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि 3160 रुपए कीमत की वह टिकट उन्होंने 8500 रुपए में खरीदी थी।
यात्रियों द्वारा मिली जानकारी पर कार्रवाई करते हुए र्क्लक पंकज कुमार के विरुद्ध रेलवे अधिनियम की धारा 143 के तहत शनिवार को मुकदमा दायर किया गया है। मामले की जांच उपनिरीक्षक अश्विन त्रिपाठी को सौंपी गई है। मुंबई रूट पर टिकट को लेकर जारी मारामारी का दलाल जमकर फायदा उठा रहे हैं। यात्रियों से दोगुने से ज्यादा कीमत वसूलकर टिकट उपलब्ध करा रहे हैं।
यह रैकेट राजधानी लखनऊ से लेकर मुंबई तक सक्रिय है। इस गिरोह की सक्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लखनऊ से बुक किया गया टिकट फ्लाइट के जरिए मुंबई तक पहुंचाया जा रहा है।