शनिवार को लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। देर शाम घर से निकली बच्ची जब घर नहीं लौटी तो घरवालों ने तलाश शुरू की, कुछ पता न चलने पर रविवार सुबह प्राथमिकी दर्ज कराई। रिपोर्ट दर्ज कराने के एक घंटे बाद बच्ची का शव मिला। इलाके के लोगों का कहना है कि पावरहाउस के पीछे मैदान में लड़के क्रिकेट खेल रहे थे। झाड़ियों में गिरी गेंद उठाने गए तो लड़की का शव देखा और शोर मचाया। भीड़ एकत्र होने लगी। एक व्यक्ति ने पुलिस कंट्रोल रूम फोन किया। इस बीच बच्ची के परिजन आ गए, लेकिन पुलिस रिस्पांस व्हीकल की टीम घंटा भर बाद पहुंची। आक्रोशित लोगों ने हंगामा किया। प्रभारी निरीक्षक अंजनी कुमार पांडेय ने बताया कि ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले फल विक्रेता की आठ साल की बेटी शनिवार रात आठ बजे घर से निकली थी। उसने पड़ोस में रहने वाले अपने नाना से कुछ देर बात की। इसके बाद मोहल्ले के बच्चों के साथ खेलने लगी। बच्ची के रात तक घर न लौटने पर परिजनों ने समझा कि कुछ दूरी पर मजलिस सुनने के बाद वह अपने नाना के घर चली गई होगी। माता-पिता अपने पांच अन्य बच्चों के साथ खाना खाकर सो गए। मां रविवार सुबह अपने पिता के घर पहुंची। वहां बच्ची नहीं मिली तो तलाश शुरू की। कुछ पता नहीं चला तो केस दर्ज कराया। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि बच्ची का शव घर से करीब 300 मीटर दूर झाड़ियों में मिला है। आशंका है कि कोई परिचित व्यक्ति उसे बहला फुसलाकर सुनसान स्थान पर ले गया और दरिंदगी के बाद हत्या कर दी या फिर बच्ची को सुनसान स्थान पर किसी नशेड़ी ने दबोच कर वारदात को अंजाम दिया। प्रभारी निरीक्षक की टीम के साथ क्राइम ब्रांच व सर्विलांस सेल समेत चार टीमें गठित की गई हैं। बच्ची के मामा का आरोप है कि सतखंडा चौकी के सिपाहियों ने थाने का रास्ता दिखा दिया। ठाकुरगंज थाने के गेट पर सादे कपड़ों में खड़े सिपाही ने फरियाद सुनने के बजाय सामने बाइक खड़ी करने को लेकर फटकार लगाई और बाइक के कागज छीन लिए। एक वकील के हस्तक्षेप करने पर 150 रुपये लेकर बाइक छोड़ी। वहीं दूसरे सिपाही ने प्राथमिकी दर्ज करने के 30 रुपये मांगे। अपर पुलिस अधीक्षक ने आरोप की जांच कराकर दोषी सिपाहियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या से रोष के बीच कुछ लोगों ने रविवार को शव रखकर प्रदर्शन की तैयारी शुरू की। भीड़ बढ़ते देख आठ थानों की पुलिस के साथ पीएसी भी बुला ली गई। इस बीच एसएसपी मॉर्च्युरी पहुंचे। बच्ची के पिता के कंधे पर हाथ रखकर ढांढस बंधाया। आठ-दस लाख रुपये मुआवजा दिलाने के आदेश दिए। इस पर पिता फफक पड़ा, बोला कि साहब मुआवजा नहीं, हमें कातिल चाहिए। एसएसपी ने कातिल को सजा दिलवाने और महिला सम्मान प्रकोष्ठ की मदद से मुआवजा दिलाने का वादा किया।
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