वर्ष 2018 में एसबीआई में उसके सहयोगी बैंकों के विलय के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के मर्जर की घोषणा ने बटोरी। इन तीनों बैंकों के मर्जर प्रस्ताव को इसी महीने अंतिम रूप दिया जा सकता है। इन तीनों बैंकों को मिलाकर जो बैंक बनेगा, उसका आकार 14.82 लाख करोड़ रुपये का होगा और वह एसबीआइ तथा पीएनबी के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। माना जा रहा है कि तमाम चिंताओं के बीच इस मर्जर से बैंकिंग ग्राहकों को फायदा होगा। कुछ दिनों उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि तीनों बैंकों के विलय से ग्राहकों को बैंक संबंधित कार्य या एटीएम से पैसे निकालने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। विलय के बाद बैंकों की नई शाखाओं का निर्माण किया जाएगा और बैकों की संख्या में वृद्धि होगी। इसी के साथ एटीएम की संख्या में वृद्धि होगी। तीनों बैंकों के विलय से बना बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होगा। तीनों बैंक नई तकनीक की तरफ अग्रसर होंगे, जिससे ग्राहकों का फायदा होगा। तीनों बैंकों के विलय के बाद हो सकता है कि आने वाले दिनों में आपके एटीएम और चेकबुक पर उस बैंक का नाम ही बदल जाए, जहां आपका अकाउंट है|आपको कुछ दिन मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको डर है कि इस प्रक्रिया से आपके बैंक डिपॉजिट पर कोई असर होगा, तो बिल्कुल परेशान न हों। बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि इस प्रक्रिया से आपके बैंक डिपॉजिट पर कोई असर नहीं होगा और वह सेफ रहेगा, क्योंकि ऐसे मर्जर पहले भी हुए हैं।
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