गुरुवार को सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने पुणे में कहा भारतीय सेना को एक नौकरी प्रदान करने वाले संस्थान के तौर पर नहीं देखना चाहिए।उन्होंने उन जवानों को चेतावनी दी जो बीमारी या अक्षमता का बहाना बनाकर अपनी ड्यूटी से बचते हैं और लाभ प्राप्त करते हैं। उन्होने कहा कि जो जवान और अधिकारी अक्षमता का बहाना करेंगे उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। बिपिन रावत ने कहा अक्सर देखा गया है कि लोग भारतीय सेना को एक रोजगार का जरिया मानते हैं। नौकरी हासिल करने का जरिया। मैं आपको चेतावनी देता हूं कि अपने दिमाग से इस गलतफहमी को निकाल दें। सेना रोजगार का जरिया नहीं है। यदि आप सेना में शामिल होना चाहते हैं तो आपको शारीरिक और मानसिक मजबूती दिखानी होगी। आपके अंदर कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता होनी चाहिए।’ उन्होंने उन सेवानिवृत्त और सेवारत जवानों को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया जो ड्यूटी के दौरान सच में अक्षमता का शिकार हुए हैं। बिपिन रावत ने यह बातें एक कार्यक्रम में कहीं जिसमें दक्षिणी कमान, दक्षिण पश्चिमी कमान और केंद्रीय कमान के 600 सेवारत और सेवानिवृत्त विकलांग जवान मौजूद थे।
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