दादा साहब फाल्के को भारतीय सिनेमा में अहम योगदान के लिए आज भी हम याद करते हैं। 16 फरवरी 1944 को 73 साल की उम्र में दादा साहब फाल्के का निधन हुआ था। साल 1909 में उन्होंने जर्मनी जाकर सिनेमा के बारे में जानकारी ली और यहीं से उनकी रुचि बढ़ने लगी। दादा साहब की जिंदगी में अहम मोड़ तब आया जब उन्होंने साल 1910 में ‘लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ देखी। फिल्म देखने के बाद दादा साहब के मन में विचार आया कि उन्हें इसी दिशा में कार्य करना चाहिए।
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