रिपोर्ट :
संसदीय समिति ने सूचना एवं प्रसारण (आईटी) मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह फेसबुक समेत तमाम सोशल नेटवर्किंग साइटों से लिखित में आश्वासन लें कि वो भारतीय चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगी। यह जानकारी समिति की बैठक में मौजूद एक सदस्य ने दी। डेटा लीक को लेकर पिछले दिनों फेसबुक माफी मांग चुकी है। आरोप है कि चुनावों की रणनीति तैयार करने वाली लंदन की कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का पर्सनल डाटा चोरी किया था। 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थन में इसका गलत इस्तेमाल हुआ।
समिति की कमान अनुराग ठाकुर को सौंपी गई
– भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अगुआई वाली संसदीय स्थाई समिति ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अधिकारियों को फेसबुक से हुए सभी लिखित संवाद और उनके जवाब पेश करने का निर्देश भी दिया है।
– समिति के सदस्य ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि इन सोशल साइटों द्वारा उनके प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग न होने देने के लिए उठाए कदमों की जानकारी भी लिखित में मांगी गई। वहीं, समिति की बैठक के बाद अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर ऑनलाइन सिक्योरिटी और प्राइवेसी के मामले में लोगों से सवाल और सुझाव मांगे हैं।
क्या है फेसबुक डेटा लीक?
– कैम्ब्रिज एनालिटिका पर 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डेटा चुराकर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में इसका गलत इस्तेमाल करने का आरोप है। गार्डियन और न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट्स में खुलासा किया था कि ट्रम्प कैंपेन से जुड़ी ब्रिटिश फर्म एनालिटिका ने 2014 में फेसबुक यूजर्स का डेटा गलत तरीके से हासिल किया था। फेसबुक को इस बारे में जानकारी थी,लेकिन उसने यूजर्स को अलर्ट नहीं किया। फेसबुक ने एनालिटिका को अपने प्लेटफार्म से सस्पेेंड कर दिया था और ये भरोसा भी दिलाया था कि फर्म ने डेटा डिलीट कर दिया है। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं।