रविवार को द्रोणनगरी के प्राचीनतम श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत श्री श्री 108 माया गिरी महाराज (95) ब्रह्मलीन हो गए। उन्होंने रविवार दोपहर लगभग 12 बजे पलटन बाजार स्थित जंगम शिवालय आश्रम में देह त्याग किया। महंत मायागिरी के ब्रह्मलीन होने की खबर मिलते ही उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई। जंगम शिवालय आश्रम में उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। इसके बाद टपकेश्वर मंदिर तक महाराज की अंतिम यात्रा निकाली गई, जहां उन्हें भू-समाधि दी गई | बताया जा रहा है कि महाराज को दो साल पहले चोट लगी थी। इसके बाद से वे अस्वस्थ चल रहे थे। एक माह पहले ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। महंत श्री श्री 108 माया गिरी महाराज मूलरूप से मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के रहने वाले थे। उनका जन्म वर्ष 1923 में हुआ था। 1940 में वे सन्यास लेकर साधु परंपरा से जुड़ गए।
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