यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर के रिजल्ट घोषित हो गए हैं. इसमें करीब 66 लाख छात्र-छात्राएं बैठे थे. 12वीं की परीक्षा के लिए 29,81,327 और 10वीं के लिए 36,55,691 छात्र पंजीकृत हुए थे. यूपी बोर्ड देश का सबसे बड़ा बोर्ड है. डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने बीते दिनों कहा था कि इस बार बोर्ड की सख्ती के कारण नकल और फर्जी परीक्षार्थियों को रोका जा सका. इस कारण 11 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने इस साल परीक्षा बीच में छोड़ दी. इनमें 75 फीसदी छात्र बांग्लादेश और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों से थे. बोर्ड ने यह भी कहा है कि वह टॉप करने वाले छात्रों की कॉपी सार्वजनिक करेगा. इसके साथ ही जिसे अपनी कॉपी देखनी हो तो वह इसके लिए एप्लाई कर सकता है. इस साल परीक्षा को शांतिपूर्ण कराने के लिए एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को भारी संख्या में परीक्षा स्थलों पर तैनात किया गया था. बीते साल कई परीक्षास्थलों पर माफियाओं ने नकल कराने की कोशिश की थी. आइए जानते हैं रिजल्ट खराब होने की स्थिति में उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है :
- परीक्षा में नंबर कम आने पर अकसर यह भ्रम होता है कि कॉपी ठीक से नहीं चेक हुई. यूपी सरकार ने इसका इंतजाम कर दिया है. अब रिजल्ट आउट हो गया है. बोर्ड का कहना है कि वह टॉपरों की कॉपियां जल्द ही ऑनलाइन अपलोड करेगा, जिसे सभी छात्र देख पाएंगे.
- हर बार की तरह इस बार भी परीक्षा में ग्रेडिंग सिस्टम रखा गया है. टॉपरों की आंसरशीट देखकर कोई भी छात्र अगले साल के लिए अच्छी तैयारी कर सकता है. इससे उसको कॉपी में उत्तर अच्छे ढंग से लिखने का तरीका भी मालूम चलेगा. प्रश्नपत्र सॉल्व करने का आइडिया मिलेगा
- बीते साल 10वीं का पास पर्सेंटेज 81.18% था जबकि 12 वीं का पास पर्सेंटेज 82.62 था. इस साल पास पर्सेंटेज आंकड़ा ऊपर चला गया है. रिजल्ट घोषित होने के बाद अब छात्र अपनी दुविधा दूर करने के लिए अपनी आंसर शीट्स की दोबारा जांच करवा सकते हैं
- बोर्ड ने इस साल से छठवीं, 9वीं और 11वीं कक्षा के नए छात्रों के लिए दाखिले के समय आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है, तभी अगले वर्ष बोर्ड परीक्षाओं के लिए आवेदन कर पाएंगे. उन्हें फॉर्म भरने के दौरान सबूत की प्रति देनी होगी जिससे कोई अन्य उनकी जगह परीक्षा न दे सके.
- यूपी बोर्ड के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब परिणाम अप्रैल में घोषित किए गए. परिणाम हर साल मई में घोषित होते थे वह भी अलग-अगल, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री के सख्त रवैये पर यूपी बोर्ड की चाल-ढाल एकदम बदल गई थी. सभी इंतजाम तेज और प्रभावी ढंग से हुए.