बृहस्पतिवार को कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री ने कहा कि सरकार द्वारा हाल ही में किए गए सुधार मौजूदा एवं उभरते हुए क्षेत्रों में नई आजीविका का निर्माण कर रहे हैं। इससे अर्थव्यवस्था के सिर्फ 8 क्षेत्रों में 2025 तक 10 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। सीआईआई के प्रेसिडेंट राकेश भारती मित्तल ने कहा कि स्टार्टअप्स और नए व्यवसायों में कौशल का स्तर बढ़ने और पर्याप्त वृद्धि के साथ नौकरियों की गुणवत्ता बढ़ाई जा रही है, जिसमें उच्च आय भी शामिल है। उन्होंने कहा कि कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई उपाय किए गए हैं। इनमें छोटे उद्यमों के लिए कर की दरों में 25 फीसदी तक की कटौती भी शामिल है। इसके अलावा ब्याज दरों में कमी नए व्यवसायों के फलने-फूलने के लिए सही माहौल बना रही है और खासकर छोटे उद्यमों के लिए। सरकार द्वारा किए गए ये उपाय रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगे। मित्तल ने रोजगार के ताजा आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सितंबर, 2017 से दिसंबर, 2018 के बीच 72 लाख नए ग्राहक जुड़े। रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में भारत में बेरोजगारी दर 45 साल के 6.1 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंच गई। कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री ने जिन आठ क्षेत्रों में 2025 तक 10 करोड़ रोजगार सृजन की उम्मीद जताई है, उनमें रिटेल, निर्माण, ट्रांसपोर्ट एवं लॉजिस्टिक, टूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी, हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल एवं कपड़ा, फूड प्रोसेसिंग और मोटर वाहन क्षेत्र शामिल हैं।
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