सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल द्वारा ‘कारवां’ पत्रिका के खिलाफ दायर की गई मानहानि याचिका के समर्थन में दो गवाहों ने दिल्ली की एक अदालत में अपने बयान दर्ज कराए। विवेक डोभाल ने ‘कारवां’ में कथित मानहानिकारक लेख प्रकाशित किए जाने और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश द्वारा इस सामग्री का इस्तेमाल किए जाने को लेकर यह याचिका दायर की है। डोभाल के मित्र निखिल कपूर और कारोबारी सहयोगी अमित शर्मा ने इस आपराधिक मानहानिकारक याचिका के समर्थन में अपने बयान दर्ज कराए। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 फरवरी की तारीख तय की है। इससे पहले 30 जनवरी को विवेक डोभाल ने मानहानि मामले में अदालत के सामने अपने बयान दर्ज करवाए थे। उन्होंने कारवां पत्रिका में कथित मानहानिकारक लेख प्रकाशित किये जाने और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश द्वारा उसकी सामग्री का इस्तेमाल किये जाने पर यह मानहानि का मामला दायर किया हुआ है। विवेक ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल को बताया था कि पत्रिका द्वारा लगाए गए सभी आरोप जिन्हें बाद में रमेश द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में दोहराया गया वे निराधार और झूठे हैं और इनसे परिवार के सदस्यों और पेशेवर सहकर्मियों के बीच उनकी छवि खराब हुई। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को तय की थी जब दूसरे गवाहों के बयान दर्ज किये जाएंगे। शिकायत के मुताबिक,रमेश ने 17 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन कर लेख में वर्णित ‘निराधार और निर्मूल तथ्यों’ पर जोर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि लेख के तथ्यों में उन्हें लेकर ‘कोई वैधानिकता’ नहीं है लेकिन पूरा विवरण कुछ इस तरह से दिया गया जो पाठकों को ‘गलत होने का’ संकेत देता है।
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