मराठी फिल्मों का एक ऐसा अभिनेता जिसने सेंसर बोर्ड को अपनी फिल्मों के टाइटिल को लेकर रुला कर रख दिया। दोहरे अर्थों वाले इन टाइटल को सेंसर बोर्ड तमाम कोशिशें करके भी बैन नहीं कर पाया। मराठी फिल्मों के प्रख्यात अभिनेता और निर्माता दादा कोंडके का जन्म 8 अगस्त 1932 को हुआ था। उन्हें आम आदमी के हीरो के रूप में जाना जाता है। कोंडके की नौ फिल्में 25 सप्ताह तक सिनेमाघरों में चलीं। यह गिनीज बुक में एक रिकॉर्ड के रूप में दर्ज है। 14 मार्च 1998 को मुंबई के दादर में दादा कोंडके का निधन हो गया था।
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