बुधवार सुबह दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक कार देखते ही देखते आग का गोला बन गई। इस इलाके में तीन दिन में घटी ये दूसरी घटना है। जानकारी के अनुसार इस घटना में ड्राइवर को कुछ नहीं हुआ वह सुरक्षित है। बीते रविवार को भी अक्षरधाम फ्लाईओवर पर एक कार आग का गोला बन गई थी जिसमें एक हंसता-खेलता परिवार उजड़ गया और तीन लोगों की मौत हो गई। लोनी के उपेंद्र ने सोचा भी नहीं था कि पत्नी की भगवान के दर्शन करने की इच्छा पूरी करना उसके लिए काल बन जाएगा और मंदिर से चंद कदम की दूरी पर ही वह पत्नी और बेटियों से हमेशा के लिए दूर हो जाएगा। अक्षरधाम मंदिर के पास रेलवे ओवरब्रिज पर रविवार को दिल दहला देने वाला हादसा घटा। शाम करीब 6.30 बजे चलती कार में अचानक आग लगने से मां और दो मासूम बेटियों की जिंदा जलकर मौत हो गई। कार चला रहा उपेंद्र किसी तरह सबसे छोटी बेटी को बचाने में सफल रहा। दोनों मामूली रूप से झुलसे हैं। पुलिस के अनुसार, उपेंद्र मिश्रा परिवार के साथ राम पार्क, लोनी में रहते हैं। वह कार-24 कंपनी में नौकरी करते हैं। रविवार दोपहर वह पत्नी रंजना, बेटी रिद्धि (6), सिद्धि (डेढ़ साल) और निक्की (3) के साथ कार से कालकाजी मंदिर गए थे। कार में सीएनजी किट लगी थी। लौटते समय पत्नी ने अक्षरधाम मंदिर चलने की बात की तो उपेंद्र ने कार को शकरपुर चुंगी से दोबारा अक्षरधाम मंदिर की ओर मोड़ दिया। रेलवे ओवर ब्रिज पर पहुंचकर कार में अचानक आग लग गई। उपेंद्र पीछे की सीट पर बैठी सिद्धि को लेकर किसी तरह बाहर निकल गया, लेकिन पत्नी व दो बच्चियों को बचा नहीं सका।
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