अभी तक आपने टीवी, फ्रिज और एयर कंडीशनर में स्टार रेटिंग तो जरूर देखी होगी। लेकिन क्या आपने माइक्रोवेव अवन और वाशिंग मशीन में स्टार रेटिंग देखी है। शायद नहीं। मगर अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि दिसंबर 2020 तक कंपनियों के लिए इन दोनों प्रोडक्ट्स की रेटिंग करना जरूरी हो जाएगा। बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी। रेटिंग के लिए ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी ने मानक तय कर दिए हैं। वाशिंग मशीन में बिजली के साथ पानी की खपत के लिए भी मानक तय किए गए हैं। बिजली मंत्रालय के अनुसार इसका मकसद आम लोगों के लिए घरेलू उपकरणों में बिजली की खपत को कम करना है। ऐसा अनुमान है कि इससे 2030 तक इन दोनों इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंसेज से 300 करोड़ यूनिट की बचत होगी। मंत्रालय कम बिजली की खपत करने वाले एप्लायंसेज को लेकर लोगों को जागरुक भी करेगा। कंपनियां स्टार रेटिंग को जल्दी अपनाएं इसके लिए रेटिंग प्रक्रिया को आसान किया गया है। ब्यूरो ने पंजीकरण और मंजूरी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को तैयार किया गया है। भारत में हर साल लगभग 61 लाख वाशिंग मशीन की बिक्री होती है। जिसमें सालाना 8 प्रतिशत का इजाफा हो रहा है। वहीं पिछले साल 12.1 लाख माइक्रोवेव ओवन बिके थे जिसमें सालाना 2 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो रही है।
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