देशभर के पांच जिलों में स्थित 28,500 घर ही ऐसे हैं जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। ये लोग इस उम्मीद में हैं कि महीने के अंत तक विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाएगा, जिससे सभी गांवों में बिजली पहुंचाने की महत्वाकांक्षी परियोजना का समापन होगा। सरकारी वेबसाइट के डाटा के अनुसार राजस्थान के उदयपुर में 8,500 घरों में अभी बिजली पहुंचना बाकी है। छत्तीसगढ़ में बिजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के 20 हजार घरों तक अभी बिजली कनेक्शन नहीं पहुंच पाया है। ये वो क्षेत्र हैं जो वामपंथी उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित हैं। 553 गांवों में रह रहे इन 20 हजार परिवारों तक बिजली पहुंचाने का काम हो रहा है। 2.5 करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन पहुंचाने की योजना के लक्ष्य की तेज गति से ऐसा प्रतीत होता है कि मार्च की समयसीमा से पहले ये काम पूरा हो सकता है। ये 19,614 गांवों के विद्युतीकरण के बाद एक बड़ा कदम होगा। अभी माना जा रहा है कि विद्युतीकरण का काम फरवरी माह तक पूरा हो जाएगा। डेडलाइन से पहले काम पूरा होना सरकार की एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि सभी घरों तक बिजली पहुंचाने की योजना से पहले बहुत विचार विमर्श किया गया था। पहले लक्ष्य रखा गया था कि हर मोहल्ले और सार्वजनिक छोटे इलाकों तक बिजली पहुंचाई जाएगी। इसके बाद पीएम के साथ हुई कई राउंड की बातचीत में बिजली मंत्रालय को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई। ये जिम्मेदारी थी हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने की। वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, “हमारे पास लक्ष्य था कि 2.48 करोड़ घरों तक बिजली पहुंचाई जाए, लेकिन हम पूरी निष्ठा से आगे बढ़े। उम्मीद है कि हम आने वाले 10-12 दिनों तक 100 फीसदी इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।” सूत्रों के मुताबिक बिजली मंत्री आरके सिंह स्वयं इस मिशन पर नजर बनाए हुए हैं और इस संबंध में राज्य सरकार के संपर्क में हैं। उन्होंने इस मिशन को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार से भी निजी तौर पर सहयोग देने की अपील की है।
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