Breaking News

देश में सेना की आयुध फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप, 10 लाख से ज्यादा कर्मी हड़ताल पर

बुधवार को देहरादून, कानपुर व चंडीगढ़ समेत देशभर में रक्षा संस्थानों के 10 लाख से अधिक कर्मचारी रक्षा-प्रतिरक्षा इकाइयों के निजीकरण, निर्माणियों में कम होते वर्क लोड एवं न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में हड़ताल पर रहे। भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ, इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस और ऑल इंडिया डिफेंस इंप्लाइज यूनियन ने सेना से जुड़े 275 उत्पादों की खरीद बाहर से करने का विरोध कर रहे हैं। देशभर में अभी रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ 41 आयुध फैक्ट्रियां हैं। जिनमें एम्यूनेशन, डिफेंस केबल समेत सेना से जुड़े करीब 675 उत्पादों को तैयार किया जाता है। इनमें से 90 फीसदी सप्लाई सेना को की जाती है, जबकि शेष 10 प्रतिशत सप्लाई अन्य बलों को किया जाता है। वर्कर्स यूनियन भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मुकेश सिंह ने बताया कि इनमें से सरकार ने अब लगभग 275 आइटम्स को नॉन कोर कर दिया है। सेना इन आइटमों को अब प्राइवेट विक्रेताओं से भी खरीद सकती है। उन्होंने बताया कि इन आइटम्स के नॉन कोर होने के बाद कानपुर, हजरतपुर टूंडला (आगरा के पास), शाहजहांपुर और चेन्नई चारों आयुध फैक्ट्रियों का अस्तित्व खतरे में है, क्योंकि सेना के लिए ट्रूप्स कंफर्म आइट्म्स इन्हीं फैक्टरियों में सबसे ज्यादा तैयार होते हैं। चंडीगढ़ स्थित रक्षा मंत्रालय की आर्डिनेंस केबल फैक्टरी में भी तीन दिन के लिए कामकाज ठप हो गया है। इससे करीब 1.5 करोड़ का उत्पादन प्रभावित रहा। कानपुर में इंटक नेता केके तिवारी ने बताया कि कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी ने हड़ताल को लेकर कानपुर के सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी से मोबाइल पर बात की। उन्होंने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से जल्द वार्ता कराने का भरोसा दिया है।

Check Also

एक्टिंग के बाद राजनीति में जलवा बिखेरेंगे अक्षय खन्ना, विनोद खन्ना की सीट पर लड़ सकते हैं चुनाव

पंजाब में भाजपा अपने पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *