Breaking News

नक्सलियों ने जवान भेजने का किया विरोध,कहा- डॉक्टर और शिक्षक भेजो

नक्सलियों की पामेड़ एरिया कमेटी भाकपा ने सरकार के सामने विकास पाने के लिए कुछ मांगे रखी है। उनका कहना है कि बस्तर में हथियारबंद जवानों की बजाए डॉक्टर, प्रोफेसर और शिक्षक भेजे जाएं। इसे राज्य की कांग्रेस सरकार के नक्सल उन्मूलन नीति के प्रभाव के तौर पर देखा जा रहा है। जिसमें गोली और बोली का फार्मूला साथ-साथ चल रहा है। इसी वजह से विकास का विरोध करने वाले नक्सली खुद इसकी मांग कर रहे हैं। नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले बीजापुर में नक्सल संगठन के इस बदले सुर से शासन–प्रशासन के अलावा आमजन भी हैरान हैं। अभी तक विकास का विरोध करने वाले संगठन भाकपा ने मंगलवार रात को दो पन्ने का 17 सूत्रीय मांगपत्र जारी किया है। जो मीडियाकर्मियों और राजनेताओं के पास पहुंचा है। उन्होंने मांगपत्र को पामेड़ इलाके के कई स्थानों पर भी फेंका है। नकस्ली इसी तरह पर्चा फेंककर अपना संदेश देते रहे हैं। नक्सलियों ने अस्पताल में डॉक्टरों और स्कूल-कॉलेजों में प्रोफेसर-शिक्षकों की मांग की है। केवल इतना ही नहीं बंद पड़े तीन हजार स्कूलों को चालू करने की भी मांग की है। वह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाबलों को हटाने की अपनी पुरानी मांग पर अब भी अडिग हैं। हमेशा से नक्सलवाद के लिए अफसरशाही की तानाशाही और उपेक्षा को मुख्य कारण बताया जाता रहा है। इसी वजह से नक्सलियों के निशाने पर पुलिस, सुरक्षाबल, अधिकारी और जनप्रतिनिधि रहते हैं। जिस इलाके को नक्सली अपने कब्जे में ले लेते हैं उसपर वह विकास नहीं होने देते। उनका मानना है कि शिक्षा मिलने से वह बच्चों को मुख्यधारा से अलग नहीं कर पाएंगे। यदि सड़क बन जाती है तो सुरक्षाबल आसानी से उनतक पहुंच जाएंगी। इसी कारण उन्होंने बहुत से स्कूलों को तोड़ दिया। नक्सलियों की मांग है कि किसानों का कर्जमाफ करके उन्हें फसल के बोनस के साथ पेंशन दी जाए।

Check Also

एक्टिंग के बाद राजनीति में जलवा बिखेरेंगे अक्षय खन्ना, विनोद खन्ना की सीट पर लड़ सकते हैं चुनाव

पंजाब में भाजपा अपने पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *