नार्वे में एक खास तरह की भविष्य की लाइब्रेरी बनाई जा रही है। इसे भविष्य की लाइब्रेरी इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसमें रखी जाने वाली पुस्तकों के लिए तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी हैं। इसके लिए ओस्लो के नॉर्डमार्क के जंगल में चीड़ के एक हजार पौधे लगाए गए हैं। 100 साल बाद इन्हीं की लकड़ियों से जो कागज बनेंगे, उनसे 100 पुस्तकों का प्रकाशन किया जाएगा। तब तक के लिए लाइब्रेरी में इन पुस्तकों की पांडुलिपियां रखी गई हैं। जिन्हें पढ़ने की फिलहाल किसी को अनुमति नहीं है। ये लाइब्रेरी स्कॉटलैंड के कलाकार केटी पैटरसन की चार साल पहले बनाई ‘फॉरेस्ट टू फ्यूचर लाइब्रेरी’ योजना का हिस्सा है। यानी 100 सालों में 100 लेखक अपनी रचनाएं जमा करवाएंगे। इन रचनाओं को ओस्लो की न्यू पब्लिक डेचमंस्के लाइब्रेरी में लकड़ी से बने विशेष कमरे में सुरक्षित रखा जाएगा। इन रचनाओं को लाइब्रेरी के शेल्फ में रखे तो देखा जा सकेगा लेकिन कोई इन्हें पढ़ नहीं सकेगा। इन रचनाओं का प्रकाशन साल 2114 में एक-एक कर किया जाएगा। इस बारे में बताते हुए केटी पैटरसन ने कहा कि इसका मकसद न केवल पर्यावरण रक्षा बल्कि धैर्य की परीक्षा भी है। उन्होंने कहा कि हमें वर्तमान में ही काम नहीं करना चाहिए बल्कि भविष्य को भी ध्यान में रखना चाहिए। ठीक इसी तरह भविष्य की पीढ़ियों का जीवन भी ये रचनाएं संवारेंगीं। भविष्य की इस लाइब्रेरी में पहला उपन्यास कनाडा की मशहूर साहित्यकार मार्गरेट एटवुड ने जमा करवाया है। वह बुकर पुरस्कार विजेता भी रह चुकी हैं। उनके उपन्यास का नाम ‘स्क्रिबलर मून’ है। जो 2114 में प्रकाशित होगा। इस योजना का हिस्सा बनने को सबसे अहम पल बताते हुए एटवुड ने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है मानो छोटे बच्चे की तरह मैंने अपनी रचना मिट्टी में छुपा दी है। इस उम्मीद के साथ कि कोई भविष्य में इसे जरूर निकालेगा।
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