प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ परीक्षा पे चर्चा कर रहे हैं। स्कूलों में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। पीएम ने कहा कि मेरे लिए ये कार्यक्रम किसी को उपदेश देने के लिए नहीं है। मैं यहां आपके बीच खुद को अपने जैसा, आपके जैसा और आपके स्थिति जैसा जीना चाहता हूं, जैसा आप जीते है। पीएम मोदी ने एक कविता को याद करते हुए कहा कि कुछ खिलौने के टूटने से बचपन नहीं मरता। पीएम ने कहा समय को बर्बाद करना हमारी आदत बन गई है। बच्चों की बच्चों से तुलना करना ठीक नहीं है। तुलना से बच्चों पर बहुत फर्क पड़ता है। बच्चों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। अभिभावकों का सकारात्मक रवैया, बच्चों की जिंदगी की बहुत बड़ी ताकत बन जाता है। आप नॉलेज के पीछे दौड़िए, मार्क्स दौड़कर आएंगे। आप अपने रिकॉर्ड से ‘कॉम्पिटिशन’ कीजिए और हमेशा अपने रिकॉर्ड ब्रेक कीजिए। इससे आप कभी निराश नहीं होंगे और तनाव में नहीं रहेंगे। अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों के डिप्रेशन को हल्के में नहीं लेना चाहिए। डिप्रेशन या स्ट्रेस से बचने के लिए काउंसिलिंग से भी संकोच नहीं करना चाहिए, बच्चों के साथ सही तरह से बात करने वाले एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए।
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