27 जनवरी को पाकिस्तान का एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भारत आएगा। यह टीम चेनाब बेसिन की परियोजनाओं का निरीक्षण करेगी। आधिकारिक सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है। यह यात्रा सिंधु जल संधि द्वारा दोनों पक्षों को पनबिजली परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों को हल करने की अनुमति के लिए अनिवार्य है। पाकिस्तान के जल संसधान मंत्री फैसल वावदा ने भारत के पाकिस्तानी टीम को निरीक्षण करने की मंजूरी दिए जाने को बहुत महत्वपूर्ण बताया है। फैसल वावदा ने ट्वीट कर कहा, ‘पाकिस्तान और भारत के बीच सिंधु जल संधि को लेकर कई सालों से मतभेद हैं। हमारी लगातार कोशिशों के कारण हमें एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। भारत अंतत: हमारे इस अनुरोध को मानने के लिए तैयार हुआ है कि हम चेनाब बेसिन पर बन रहे भारतीय परियोजनाओं का निरीक्षण कर सकें।’ दोनों देश इस समय बहुत सिंधु जल संधि के अतंर्गत बहुत सी पनबिजली परियोजनाओं को लागू करने के लिए तकनीकी बातचीत कर रहे हैं जिसमें जम्मू और कश्मीर के पकल दुल (1,000 वाट) और लोवर कलनल (48 वाट) भी शामिल हैं। दोनों देश पिछली बैठक में इस बात पर राजी हुए थे कि सिंधु आयोग नदी के दोनों तरफ के बेसिनों का निरीक्षण करेगा।
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