पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए कन्नौज के प्रदीप यादव के पार्थिव शरीर को बड़ी बेटी सुप्रिया ने मुखाग्नि दी। पिता के शहीद होने की खबर उसे पार्थिव शरीर आने के बाद दी गई। इससे पहले रो-रो कर उसके होठों पर सिर्फ एक ही सवाल था मेरे पापा कब आएंगे। जब सुप्रिया ने अपने पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद हर आंख नम थी। सुप्रिया को देख उस जवान की आंखों में आंसू आ गए जो उसके साथ खड़ा था। मुखाग्नि देने के कुछ सेकेंड बाद सुप्रिया बेहोश होकर गिर पड़ी। सेना के जवानों ने फौरन उसे गोद में उठाया और चेहरे पर पानी की कुछ बूंदें डालीं। जिसके बाद उसे होश आया। जब शनिवार को पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो वहां शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ा पड़ा। लोगों में आक्रोश भी था और आंखों में आंसू भी। एक पल वो भी आया जब लोग उग्र होने लगे। ऐसे में सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने लोगों को समझा बुझा कर शांत कराया। इस दौरान भीड़ पाकिस्तान मुर्दाबाद और भारत माता की जय के नारे लगा रही थी। शहीद प्रदीप अमर रहें हर जुबां पर था। प्रदीप सिंह यादव श्रीनगर में 115 बटालियन में सिपाही थे। चार दिन पहले छुट्टी गुजार कर लौटे थे। एक मकान कानपुर के बारा सिरोही में है। वहां पत्नी नीरज देवी और दो बेटियां 10 वर्षीय सुप्रिया यादव और ढाई साल की सोना यादव हैं।
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