सरहद पर शहीद होने वाले जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए युवक ने देशभक्ति का जुनून दिखाया। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए जवानों के नाम युवक ने अपनी पीठ पर गुदवा दिए। युवक का कहना है कि देश भक्ति का जजबा बचपन से ही रग-रग में भरा हुआ है। उसका बड़ा भाई भी देश की सेवा कर रहा है। मूलरूप से शामली जनपद के भारसी गांव के रहने वाले विजय शुक्रवार को खेकड़ा में अपने रिश्तेदार के घर पहुंचा। रिश्तेदार के घर के पास शरीर पर नाम गोदने वाले का घर है। उसने पुलवामा में शहीद हुए जवानों के नाम अपने शरीर पर गुदवाने की बात अपने रिश्तेदार से कही। रिश्तेदार उसे पड़ोस में शरीर पर नाम गोदने वाले के पास लेकर गए। उसने पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए 42 जवानों के नाम अपनी पीठ पर गुदवा दिए। पीठ पर सबसे पहले लिखवाया कि पुलवामा के शहदों को श्रद्धांजली। उसके बाद शहीदों के नाम पीठ पर गुदवाए। विजय ने बताया कि उसकी रग रग में देश प्रेम भरा हुआ है। उसका बड़ा भाई विक्की पंवार फौजी है। उसने अपने भाई से देश प्रेम सीखा है। पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों की शहादत को नमन करता हूं। सरकार शहीदों को इंसाफ नहीं दे रही है। नेता राजनीति कर रहे है। शहीद जवानों को अभी तक शहीदों का दर्जा तक नहीं दिया है। पीड़ित परिवारों को न तो धनराशि दी गई और न ही उनके जख्मों पर मरहम लगाने प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री पहुंचे। शहीद को सच्ची श्रद्धांजली देने के लिए उसने अपने शरीर पर शहीदों के नाम गुदवाए है। भारसी के रहने वाले विजय ने शरीर पर मुस्लिम समुदाय के शहीदों के नाम गुदवाने से शुरूआत की। सबसे पहले लिखवाया जिमाल सिहं, उसके बाद नसीर अहमद, सुखविंदर सिंह, रोहिताश लांबा, तिलंक राज, भगीरथ सिंह, बिरेंद्र सिंह, अवदेश यादव, नितिन राठौर, रतन ठाकुर, सुरेंद्र यादव, संजय सिंह सहित 42 शहीदों के नाम पीठ पर गुदवाए।
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