जम्मू कश्मीर में शहीद हुए 37 जवानों में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के परगोड़ स्कूल में 10वीं कक्षा तक पढ़े तिलक राज ने भी शहादत का जाम पीया है। परगोड़ स्कूल में पढ़ा ये तीसरा ऐसा जवान था जिसने अपने देश के लिए शहादत दी है। आज पूरे स्कूल के बच्चे तिलक राज के शहीद होने की खबर पढ़कर फूट-फूट कर रो पड़े। स्कूल के प्रधानाचार्य यशवंत सिंह ने कहा कि तिलक राज बहुत होनहार था। इससे पहले इस स्कूल में पढ़े दो लाल सिंह और बीर सिंह भी कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे। स्कूल के अध्यापकों और बच्चों ने स्कूल के वीर जवान शहीद तिलक राज को दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी। बच्चों का कहना था कि सरकार पाकिस्तान के के खिलाप कड़ी कार्रवाई करे तभी उनके चहेते शहीद तिलक राज की शहादत देश के काम आएगी। शहीद अभी 11 फरवरी को ही घर से छुट्टी काट कर गया था। अहम यह है कि तिलक राज के घर अभी 15 दिन पहले ही पुत्र ने जन्म लिया था। तिलक राज का एक दो साल का लडका भी है जिसका नाम वन्नू है। तिलक राज का परिवार शाहपुर के धारकंडी की रुलेहड़ पंचायत के बतूनी गांव का रहने वाला था तथा कुछ साल पहले ही उन्होंने धारकलां शिफ्ट किया था। तिलक राज के दो बेटे है,एक दो साल का है तथा दूसरा अभी 15 दिन का हुआ है। तिलक की शहादत की खबर लगते ही पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया है। तिलक राज लोक गायक भी था। साथ ही अभी तक कई हिट गाने गा चुका था। तिलक राज के पिता लायक राम खेती-बाड़ी करते है, जबकि बड़ा भाई शराब के ठेके पर नौकरी करता है। तिलक गद्दी सुमदाय से सबंध रखता था। शहीद कबड्डी का बेहतरीन खिलाड़ी भी था। वह जब भी घर आता था, कबड्डी की प्रतियोगिता व अपना एक गाना जरूर रिकॉर्ड करवाता था। कुछ दिन पहले ही वह अपनी पत्नी की डिलीवरी के दौरान शाहपुर अस्पताल में आया था। शहीद के शव का शुक्रवार तक घर पहुंचने की उम्मीद है। अभी तक पिता को शहादत के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
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