वैज्ञानिकों को मंगल की सतह पर ऐसी प्राचीन झीलों का भूगर्भीय साक्ष्य मिले हैं, जो आपस में जुड़ी थीं और जिनका अस्तित्व कभी मंगल की सतह के नीचे गहरे तक रहा होगा। इनमें से पांच झीलों में संभवत: जीवन के लिए आवश्यक खनिज लवण हो सकते हैं। नीदरलैंड में उट्रेच विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार मंगल एक शुष्क ग्रह लगता है लेकिन इसकी सतह ऐसे संकेत देती है जिनसे उन संभावनाओं को बल मिलता है कि कभी इस ग्रह पर प्रचुर मात्रा में पानी रहा होगा। पिछले साल यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के मार्स एक्सप्रेस अभियान में ग्रह के दक्षिणी ध्रुव की निचली सतह में तरल अवस्था में पानी के कुंड का पता चला था। जियोफिजिकल रिसर्च नामक जर्नल में छपे लेख में बताया गया है मंगल में भारी मात्रा में सतह के नीचे पानी है होने की बात कही गई है जिनका अब तक मॉडल्स द्वारा ही पूर्वानुमान किया जाता रहा है। उट्रेच विश्वविद्यालय के फ्रांसेससो सैलेसी के मुताबिक पहले मंगल पानी से भरा ग्रह था। लेकिन जैसे-जैसे इसकी जलवायु बदली, इस पर मौजूद जल रिसकर सतह के नीचे चला गया और भूजल का रूप ले लिया। हम लोगों ने अपने अध्ययन में इस पानी की पहचान की है। यह बहस का विषय है। हमने मंगल पर व्यापक भूजल का पहला भूगर्भीय साक्ष्य पाया।
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