सुप्रीम कोर्ट ने सेना के जवानों के मतदान अधिकारों से जुड़ा एक बड़ा फैसला दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने सांसद राजीव चंद्रशेखर की याचिका पर सुनवाई करते हुए सैनिकों के हक में ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने देश के उन जवानों को वोट देने का अधिकार दिया है जो देश की सुरक्षा के लिए अपने घरों, अपने शहरों से दूर किसी अन्य इलाके मे सरहद पर तैनात रहते हैं जिसके चलते वो चुनाव में वोट नहीं डाल पाते थे। राजीव चंद्रशेखर सैनिकों को चुनावी प्रक्रिया में अधिकार दिलाने की लड़ाई काफी लंबे समय से लड़ रहे थे। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला आया है। ऐसे सभी सैनिक जो शांति वाली जगहों यानी पीस स्टेशन पर तैनात हैं वो खुद और उनके परिवार वाले उस जगह पर आम वोटर की तरह रजिस्ट्रेशन कराकर लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बन सकेंगे। अब तक सैनिकों को पोस्टल बैलेट का अधिकार मिला हुआ था। इन्हें आम तौर पर सर्विस मतदाता माना जाता है। राजीव चंद्रशेखर ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वो लंबे समय से इस मांग को पूरा कराने की जद्दोजहद में लगे थे लेकिन सरकारी तंत्र की अनदेखी के बाद वो अदालत पहुंचे जहां से अब ये बड़ा फैसला सुनाया गया है।
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