प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति द्वारा सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा ने एक लेटर लिखकर गृह मंत्रालय से ये अपील की थी कि उन्हें उसी दिन से पद से हटा हुआ माना जाए क्योंकि जिस पद पर उनका ट्रांसफर किया गया था, उस पर सेवा देने की उम्र वह पहले ही पूरी कर चुके हैं। गृह मंत्रालय ने उनके लेटर का जवाब दो हफ्ते बाद दिया है। जिसमें कहा गया है कि वर्मा को गुरुवार को ऑफिस आना ही पड़ेगा। गृह मंत्रालय ने वर्मा को बुधवार को दिए लेटर में कहा है कि आपको सिविल डिफेंस एंड होम गार्ड, फायर सर्विसेज के महानिदेशक के पद पर ज्वाइन करने के लिए निर्देषित किया जाता है। इसका मतलब ये हुआ कि वर्मा को एक दिन के लिए ऑफिस ज्वाइन करना होगा। क्योंकि यही दिन उनके कार्यकाल का आखिरी दिन है। धानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने वर्मा को 10 जनवरी को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था। इसके बाद 11 जनवरी को उन्होंने गृह मंत्रालय को लेटर लिखकर कहा था कि उसी दिन से उन्हें सेवानिवृत माना जाए। आलोक वर्मा सरकारी सेवा से सेवानिवृति की उम्र 31 जुलाई, 2017 को ही पूरी कर चुके हैं। इसी कारण उन्होंने लिखा था कि जिस दिन उन्हें इस पद से हटाया गया है, उसी दिन से उन्हें सेवानिवृत माना जाए।
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