अमेरिका के कैलिफोर्निया में जांचकर्ताओं ने 11 साल की बच्ची की मौत की गुत्थी कई दशक बाद सुलझा ली है। करीब 45 साल पहले अपने स्कूल से घर लौटते वक्त वह लापता हो गई थी। बच्ची का नाम लिंडा ओ कीफी था। उसकी तस्वीर सालों से न्यूपोर्ट बीच के पुलिस अपार्टमेंट में टंगी हुई थी। बुधवार को दक्षिणी कैलिफोर्निया के अधिकारियों ने मामले पर करीब चार दशक बाद कहा कि कोलोराडो का रहने वाला एक व्यक्ति गिरफ्तार हुआ है, उस पर साल 1973 में बच्ची की हत्या करने के कारण मामला दर्ज किया गया है। ये घोषणा उसी दिन हुई है, जब पुलिस ने कहा कि उन्होंने 1990 में 11 साल के लड़के की हत्या के आरोपी को पकड़ लिया है। लिंडा के मामले में अधिकारियों ने कहा कि लापता होने के कुछ दिनों बाद उसका शव एक खाई में पाया गया था। अब उन्हें उसके डीएनए के मैच होने संबंधी जानकारी मिली। उन्हें पता चला कि अपने पूर्वजों की जानकारी के लिए कुछ लोग डीएनए टेस्ट का सहारा लेते हैं। जब बच्ची के डीएनए से उसका मैच हुआ तो पुलिस कातिल के और करीब आ गई। ऑरेंज काउंटी डिस्ट्रिक्ट के अटार्नी टोड स्पिट्जर का कहना है कि अतीत में जिन मामलों को सुलझाना मुश्किल था उन्हें आज सुलझाया जा सकता है। उन्हें सुलझाने के लिए आज के समय में काफी अवसर होते हैं। स्पिट्जर ने कहा कि 72 वर्षीय आरोपी जेम्स निअल को कोलोराडो से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया और उसके खिलाफ हत्या के तहत मामला दर्ज किया गया है। गुरुवार को उसे कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। उसके रिश्तोदारों ने मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। वहीं उसके मकान मालिक का कहना है कि वह एक अच्छा इंसान लगता है। 1990 में 11 साल के विलियम टिलेट के अपहरण और हत्या के मामले में 50 वर्षीय एडवर्ड डोनेल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ये लड़का भी स्कूल से घर जाते वक्त लापता हो गया था। उसका शव एक दिन बाद कारपोर्ट (जहां गाड़ी पार्ट की जाती है) में मिला। उसकी मौत की वजह दम घुटना थी। मामले को सुलझाने में पुराने सबूत और नई तकनीक से काफी मदद मिली है।
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